Top Shiv chaisa Secrets
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पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
शिव चालीसा भगवान भोलेशंकर को समर्पित है। इस शिव चालीसा का नियमित पाठ करने से महादेव आशीर्वाद प्रदान करते है और आपके जीवन में सुख-समृद्धि का संचार करते है।
शिव आरती
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
शिव चालीसा का पाठ पूर्ण भक्ति भाव से करें।
अर्थ: हे शिव शंकर आप तो संकटों का नाश करने वाले हो, भक्तों का कल्याण व बाधाओं को दूर करने वाले हो योगी यति ऋषि मुनि सभी आपका ध्यान लगाते हैं। शारद नारद सभी आपको शीश नवाते हैं।
दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
. शिव चालीसा लिरिक्स के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न होते हैं
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु more info सहाई॥
Whosoever delivers incense, Prasad and performs arati to Lord Shiva, with adore and devotion, enjoys substance pleasure and spiritual bliss On this environment and hereafter ascends on the abode of Lord Shiva. The poet prays that Lord Shiva removed the suffering of all and grants them Everlasting bliss.
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥
कर त्रिशूल सोहत छवि more info भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
जय जय तुलसी भगवती सत्यवती सुखदानी। नमो नमो हरि प्रेयसी श्री वृन्दा गुन खानी॥